बांझपन का मतलब है, कि एक वर्ष की कोशिश करने के बाद गर्भवती (Pregnant) होने में सक्षम न हो उसे बांझपन कहा जाता हे उन पुरुषों के लिए जो कम से कम एक वर्ष की कोशिश करने के बाद किसी महिला को अपनाने में असमर्थ हैं। आम तौर पर 60% जोड़े 1 साल की कोशिश करने के बाद सफल होते है और संतान का सुख प्राप्त कर पाते है ! 40% लोगो को संतान के सुख से वंचित होना पड़ता है! हमारे यहाँ डॉक्टर द्वारा सही सलाह और नियमित रूप से दवाइयों का सेवन करने से इन समस्याओ का समाधान सम्भव है!
सूरज की रोशनी, प्रदूषण, खानपान की आदतें, कैमिकल भरे स्किन प्रोडक्ट, डिहाइड्रेशन की वजह से त्वचा ख़राब हो जाती है!. इससे त्वचा पर पिंपल्स, झुर्रियां और उम्र के निशान नजर आने लगते हैं ! कई डॉक्टर से इलाज करने के बाद भी कोई फर्क है पड़ता, हजारो रूपये खर्च करेने के बाद भी कोई रिजल्ट नहीं आता लोगो को केवल निराशा ही हासिल होती ! शर्मा होम्योपैथिक द्वारा नियमित रूप से इलाज कराने से त्वचा सम्बंधित समस्याओ का समाधान संभव है!
कई लोगो को बहार का अनियंत्रित खान पान पसंद आता है। उन्हें पेट दर्द जैसी समस्या हो जाती है लेकिन यह अल्सर, पथरी व मूत्र संक्रमण जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बनता है पेट से संबधित बिमारिओं से बचने के लिए होम्योपैथिक दवाइयों का सेवन करने से इन समस्याओ से दूर रहा जा सकता लम्बे समय तक. शर्मा होम्योपैथिक चिकित्सालय द्वारा विशेष रूप से इन बीमारियों से बचने की दवाइयां उपलब्ध !
गठिया और जोड़ों का दर्द ऐसी बीमारी है, जिसके होने की कोई निश्चित वजह बता पाना बहुत ही मुश्किल है! आमतोर पर बुजुर्गो को इस लाइलाज बीमारी का सामना करना पड़ सकता है! लंम्बे समय तक दर्द रहने पर रूमेटॉयड अर्थराइटिस हो भी हो सकती है! होमपेथिक से इसका जड़ से इलाज है! इसके अलावा कान का बहना, कान का कम सुनाई देना, सिर दर्द ,गर्दन की बीमारी, फाइलेरिया( हाथी पैर ), मिर्गी जैसी बीमारियों का शर्मा होम्योपैथिक चिकित्सालय में सफल इलाज किया गया है!
पर्यावरण में होने वाली धुए और धूल होने के कारण बार बार होने वाली घरघराहट, सांस लेने में होने वाली तकलीफ, सीने में जकड़न और खांसी से पहचाना जाता है। खांसी के कारण फेफड़े से कफ़ उत्पन्न हो सकता है! इस बीमारी का होम्योपैथिक द्वारा इसका इलाज संभव है!
बच्चो की लम्बाई का समय अनुसार न बढ़ना, जुखाम का बार बार होना,पेट के कीड़े, बिस्तर पर पेशाब करना जैसी समस्याओ का होम्योपैथिक दवाइयों द्वारा इसका इलाज संभव है!